November 01, 2022

The Tunnel By Ruskin Bond Summary In Hindi

The Tunnel Summary

The Tunnel, Ruskin Bond द्वारा लिखी गई एक छोटी सी कहानी है जो The Road to the Bazaar’ नाम के एक उपन्यास में प्रकाशित हुई थी, प्रकृति में शांति और कर्तव्य इस कहानी की दो प्रमुख विषय हैं जिन्हें इस कहानी में अच्छी तरह से दिखाया गया है। 

सूरज ट्रेन को सुरंग से गुजरते हुए देखना चाहता है, इसलिए वह देहरादून से एक छोटे से गाँव में साइकिल से आता है और वहाँ से वह एक पहाड़ी टीले तक चलता है। वह सुरंग के बाहर खड़ा होता है और जब ट्रेन वहां से गुजरती है और दूर चली जाती है, तो उसे जंगल की सच्ची शांति का एहसास होता है। ट्रेन जब जंगल से गुजरती है, तो उससे जो भाप निकलती है उसमें पेड़ ऐसे लगते है जैसे कांप रहे हों, और रेल की पटरियां कुछ देर तक हिलती रहती है।

वह सुरंग के अन्दर चलता है। सुरंग की सुरुआत मैं ही एक झोपड़ी होती है जिसमें सुरंग के चौकीदार सुंदर सिंह रहते हैं, उनका कर्तव्य है कि ट्रेन के गुजरने से पहले सुरंग की जाँच करें। वह इस काम को दिन में दो बार करता है, एक बार दिन की ट्रेन के लिए और दूसरी बार रात की ट्रेन के लिए जो नौ बजे सुरंग को पार करती है। सुंदर बताता है कि जंगल शहरों की तुलना में अधिक शांतिपूर्ण और सुरक्षित हैं। पिछली बार जब वह शहर गया था तो उसे लगभग एक मोटर ने कुचल ही दिया था। सूरज देखता है कि उसकी झोंपड़ी के आसपास कोई लोग नहीं है और कोई घर नहीं हैं। सूरज उससे पूछता है कि क्या उसे अंधेरे और जंगली जानवरों से डर नहीं लगता। चौकीदार उसे बताता है कि झोपड़ी के आस पास एक तेंदुआ रहता है जो बकरियों और कुत्तों का शिकार करना पसंद करता है, लेकिन इंसानों पर कभी उसने हमला नहीं किया।

अगली शाम सूरज चौकीदार के पास आता है। रात की ट्रेन से ठीक पहले, वे दोनों तेंदुए की कुछ आवाजे सुनते हैं। उन्हें उसकी जान बचाने के लिए तेंदुए को भगाना पड़ता है क्यों की अगर उन्होंने ऐसा न किया तो हो सकता है के वह ट्रेन से टकरा जाए और मर जाए। दोनों लालटेन और कुल्हाड़ी लेकर अंदर चले जाते हैं, क्यों की कभी ऐसा न हो के तेंदुआ उनपर हमला करदे। वहां पर वे तेंदुए की आवाज सुनते है और उसे भगाने के लिए सुरंग के अंदर चिल्लाते हैं, तो सुरंग में आवाजें गूँजती हैं जिससे ऐसा लगता है जैसे कि सैकड़ों मनुष्य एक साथ चिल्ला रहे हों। नतीजा यह हुआ कि तेंदुआ वहां से डर कर भाग जाता है।

एक हफ्ते बाद जब सूरज रात की ट्रेन में अपने पिता के साथ दिल्ली की यात्रा ट्रेन से कर रहा होता है, तो वह बूढ़े आदमी और उसकी झोपड़ी और उसकी लालटेन को बाहर लटका हुआ देखता है, जिसका अर्थ है कि उसने अपना आज का काम पूरा कर लिया है। सुरंग की जाँच की और रात के लिए वह अब सो चूका है। सूरज उस चौकीदार को धन्यवाद देता है जो दूसरों की खातिर अपने कर्तव्य का सख्ती से पालन करता है उनलोगों के लिए जो लोग ट्रेनों में हजारों की संख्या मैं मौजूद हैं।

Note: यहाँ पर Exam Point of view से इस Article को सिर्फ और सिर्फ अच्छे से समझने के लिए लिखा गया है. इसमें कोई गलती ना हो इसका पूरा पूरा ध्यान रखा गया है फिर भी अगर कुछ रह जाये या कुछ गलत तथ्य पाए जाये तो लेखक या Website owner इसका कतई जुम्मेदार नहीं है|  

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