November 11, 2022

An Introduction to Indian writing in English For Class BA English, CCS University 1st Year syllabus.


Introduction

Indian English Literature का इतिहास वैसे तो इतना पुराना नहीं है लेकिन अंग्रेजी साहित्य मैं ये अपनी अलग पहचान रखता है| सबसे पहले 1793 मैं Sake Dean Mohamed ने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम था The Travels of Dean Mahomed. इसी को English मैं लिखी, किसी भारतीय द्वारा सबसे पहली पुस्तक माना जाता है| भारत मैं English Writing की सुरुआत मैं केवल Non-Fictional किताबे ही लिखी जाती थी, जैसे के Biographies और Political Essays.

Indian English Literature के बारे मैं हमें कुछ बाते जान लेनी चाहिए जैसे के इसको Indian Writing in English भी कहा जाता है, या फिर इसमें वह सब writing आती है जो English मैं लिखी गयी और भारतीय लेखको ने उसको लिखा| सुरुआत मैं कुछ माहन भारतीय लेखको के नाम इस तरह है जैसे Louis Vivian Derozio और MIchael Madhusudan Dutt इनके बाद Rabindranath Tagore, Shri Aurobindo, R.K. Narayan. Mulk Raj Anand और Raja Rao का नाम आता है| इन लेखको ने भारतीय अंग्रेजी साहित्य को और अधिक शक्तिशाली और सुन्दर बनाने मैं अपना अच्छा योगदान दिया है|

Westen Novels से IEL (Indian English LIterature) बहुत प्रभावित हुई. अगर हम Novels उपन्यास की बात करें तो Bankim Chandra Chattopadhyay ने English मैं Rajmohan’s Wife नाम का सबसे पहले novel लिखा था जिसको उन्होंने 1864 मैं Published कराया था| इसके बाद Toru Dutt ने Bianca या The Young Spanish Maiden 1978 मैं प्रकाशित कराया था, वह पहली भारतीय महिला थी जिन्होंने अपना Novel Published कराया था उस समय मैं|

अगर हम Non Fictional writing field की बात करे तो इसमें, पत्र (Letters) Diaries, Political Manifesto, किसी का भाषण, और कोई Philosophical Works आते है. इसमें हम Vivekananda Swami जी की Speeches को ले सकते है, इसके बाद Rabindranath Tagore, Chittranjan Das, Bal Gangadhar Tilak, Mahatma Gandhi और Subhas Chndra Bose और भी कई और भारतीय महान लोगो की Speech उनकी biographies None Fictional Work मैं आते है|
 

Later history


बाद के लेखको की अगर बात की जाये तो बिना कुछ के नाम लिए बात पूरी नहीं की जा सकती है जैसे Salman Rushdie, Anita Desai, Arundhati Roy, Anita Nayer और बहुत से इसे नाम है जिन्होंने IEL को अपनी चरम तक पहुंचाया|

Aurobindo: 


Sri Aurobindo का जन्म 15 August 1872 मैं कलकत्ता मैं हुआ था. यह एक दार्शनिक, योगी, महर्षि, कवि और Indian Nationalist थे| इन्होने अपनी किताबे, Philosophy, Poetry; वेदों, उपनिषद और गीता की Translation, पर लिखी थी. इसके साथ-साथ इश्वर भक्ति के Work भी इन्होने English मैं लिखे थे. इनके कुछ femous work इस तरह से हैं The Life Divine (1940), The Human Cycle (1949), The Ideal of Human Unity (1949), On the Veda (1956), Collected Poems and Plays (1942), Essays on the Gita (1928), The Synthesis of Yoga (1948), and Savitri: A Legend and a Symbol (1950).

Rabindranath Tagore  


Sri Aurobindo के बाद बात करते है Rabindranath Tagore जी की जो भारतीय साहित्य मैं एक बहुत बड़ा नाम है, इनको साहित्य मैं योगदान के लिए Nobel पुरुष्कार दिया गया, वो एक बंगाली कवी थे, भ्रह्म्हा समाज दार्शनिक थे, एक चित्रकार थे, नाटक लेखक थे, उपन्यास लेखक थे, एक पेंटर थे और संगीतकार भी थे. और तो और एक समाज सुधारक भी थे|

आज के समय मैं टेगोर जी को उनके गीतों के लिए याद किया जाता है, जिन गीतों को पहले उन्होंने बंगाली मैं और फिर अंग्रेजी भाषा में लिखा था, वह उस समय महान वैज्ञानिक Albert Einstein से भी मिले थे|

अगर इनकी Writing Field की बात की जाय तो इन्होने Novels, Essays, short stories, travelogue, Drams और songs लिखे है, मूल रूप से टेगोर एक बंगाली लेखक थे|

poetry in English

  1. The Ideal One 1890
  2. The Golden Boat 1894
  3. Song Offerings 1910
  4. His dramas In English
  5. The Genius of Valmiki 1881
  6. The Sacrifiece 1890
  7. The king of Dark Chmber 1910
  8. The post Office 1912
  9. The Waterfall 1922
  10. The Untouchable girl 1933

His Fictional work in English

  1. The Broken Nest 1901
  2. Gora (Fair-Faced Nstanirth) 1910
  3. My Reminiscence 1912
  4. My boyhood days 1940
ये कुछ Rabindranath Tagore जी के Work है यहाँ पर केवल Important Work को List किया गया है|

K. S. Venkataramani


इस लिस्ट के अगले लेखक हैं K.S. Venkataramani जिनका जन्म 1891 में हुआ था वह पेशे से एक वकील थे और एक जाने मैं इंगरेजी के लेखक भी थे| उन्होंने South Indian गाँव की जिंदगी में सबसे ज्यदा लिखा इसके बाद भारत की आजादी मैं इनका अच्छा योगदान रहा| इनके कुछ Major Work इस तरह हैं, Murugan the Tiller (1927) and Kandan The Patriot (1932)

Venkataramani, 1928 मैं Rabindranath Tagore से मिले थे, Rabindranath Tagore ने इनको एक मैगज़ीन सुरु करने के लिए प्रेरित किया, Venkataramani ने उनके कहने पर तमिल भाषा मैं Tamil Ulagu. नाम से एक सप्ताहिक पुश्तिका सुरु की, इनकी कुछ प्रकाशित किताबे इस तरह है

  1. Paper Boats (1921)
  2. On the Sand-Dunes (1923)
  3. Murugan the Tiller (1927)
  4. Renascent India (1929)
  5. Kandan the Patriot (1932)
  6. Jatadharan and Other Stories (1937)

Bhabani Bhattacharya 


इस लिस्ट मैं हमारे अगले लेखक हैं, वह एक भारतीय लेखक थे जो बंगाल से थे, इन्होने अपनी Doctorate की उपाधि University of London से प्राप्त की थी, उनको रविन्द्रनाथ टेगोर जी और महात्मा गाँधी जी के works ने बहुत प्रभावित किया था. इनका सबसे पहला उपन्यास 1941 मैं 'So Many Hungers' प्रकाशित हुआ था इसके बाद

  1. Indian Cavalcade (1948)
  2. He Who Rides a Tiger (1955)
  3. The Golden Boat (1956)
  4. Towards Universal Man (1961)
  5. Music for Mohini (1964)
  6. Shadow from Ladakh (1966)
  7. A Goddess Named Gold (1967)
  8. Steel Hawk and Other Stories (1968)
  9. Gandhi the Writer (1969)
  10. A Dream in Hawaii (1978 ये works प्रकाशित हुए.

R.K. Narayan 


इसके बाद R.K. Narayan भारतीय अंग्रेजी साहित्य के जाने माने लेखक हुए है, इन्होने अपने योगदान से भारतीय अंग्रेजी साहित्य की तश्वीर ही बदल दी थी. वह अपनी short stories collection Malgudi Days से जाने जाते है, इनके works पर कई फिल्मे भी बन चुकी है और इनकी कहानियो को दूरदर्शन जेसे रास्ट्रीय चेनल ने अच्छी तरह फिल्माया और दिखाया है| इनके समय के दो और इनके जैसे ही जाने माने महान लेखक हैं उनका नाम है Mulk Raaj Anand और Raja Rao. Narayan के एक अंग्रेज दोस्त जिनका नाम Graham Greene था उन्होंने इनकी बहुत मदद की इनकी किताबो को प्रकाशित कराने मैं और लिखने मैं भी. जैसे के Swami and Friends, The Bachelor of Arts और The English Teacher. उपन्यास मैं Graham Greene ने उनको गाइड किया.

RK Narayan को भारतीय William Faulkner कहा जाता है क्यों की Faulkner की तरह ही इन्होने भी एक काल्पनिक कसबे को बनाया जिसका नाम था मालगुडी. और इनके मुख्य उपन्यास इस तरह हैं

  1. Swami and Friends (1935,
  2. The Bachelor of Arts (1937,
  3. The Dark Room (1938, Eyre)
  4. The English Teacher (1945, Eyre)
  5. Mr. Sampath (1948, Eyre)
  6. The Financial Expert (1952,
  7. Waiting for the Mahatma (1955,
  8. The Guide (1958, Methuen)
  9. The Man-Eater of Malgudi (1961,
  10. The Vendor of Sweets (1967,
  11. The Painter of Signs (1977,
  12. A Tiger for Malgudi (1983,
  13. Talkative Man (1986,
  14. The World of Nagaraj (1990,
  15. Grandmother's Tale (1992,


Mulk Raj Annad


फिर आते है Mulk Raj Annad. वह समाज की सच्चाई को दिखने वाले लेखक थे उन्होंने 20th century के भारतीय समाज की बुराइयों को अपने उपन्यास के माध्यम से दिखाया. इन्होने अपनी Writing मैं गरीब, शुद्र को जगह दी, और अंतर्राष्टीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई, सबसे पहला इनका work जाती प्रथा की समस्या को दिखता है , जो Untouchable नाम के Title से 1935 मैं प्रकाशित हुआ था| उसके बाद

  1. Coolie (1936)
  2. Two Leaves and a Bud (1937)
  3. The Village (1939)
  4. Across the Black Waters (1939)
  5. The Sword and the Sickle (1942)
  6. The Big Heart (1945)
  7. The Lost Child (1934)
  8. Seven Summers: A Memoir (1951)
  9. The Private Life of an Indian Prince (1953)
  10. The Old Woman and the Cow (1960)
  11. The Road (1961)
  12. The Death of a Hero (1964), इस तरह से इनके Works Publish होते गये|

Sarojini Naidu


मुल्क राज आनंद के बाद जिनकी हम बात करने वाले है वो एक महिला लेखक है जिनका नाम Sarojini Naidu था| सरोजिनी नायडू से भारतीय आजादी के संघर्ष मैं भी हिस्सा लिया था और वह महात्मा गाँधी जी के साथ भी रही और देश की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया|
इनके Works कुछ इस तरह है|

  1. 1905: The Golden Threshold,
  2. 1912: The Bird of Time: Songs of Life, Death & the Spring
  3. 1917: The Broken Wing: Songs of Love, Death and the Spring
  4. 1917: "The Song of the Palanquin Bearers,
  5. 1928: The Sceptred Flute: Songs of India,
  6. 1961: The Feather of the Dawn,

Kamala Markandaya 


Kamala Markandaya का जन्म मैसूर मैं सन 1924 मैं हुआ थाै यह ब्रिटिश Indian Novelist थी और साथ ही साथ एक पत्रकार भी थी, इनको इनके culture Works की वजह से जाना जाता है. इनका सबसे पहला उपन्यास था Nectar in a Sieve, था जो उस समय सबसे अधिक बिकने वाला उपन्यास बना .

  1. Some Inner Fury (1955),
  2. A Silence of Desire (1960)
  3. Possession (1963),
  4. A Handful of Rice (1966),
  5. Pleasure City (1982/1983) ये कुछ उनके अच्छे जाने हुए उपन्यास थे|


Nayantara Sahgal


इसके बाद नाम आता है Nayantara Sahgal का, इनका जन्म 19 May 1927 मैं हुआ था, ये पंडित नेहरु के परिवार से थीं| मतलब जवाहर लाल नेहरु जी की बहिन के तीन बेटियों मैं से दुसरे नंबर की बेटी ये थीं| 2018 को उन्हें Vice President of PEN International के लिए चुना गया| इनके Works कुछ इस तरह हैं

  1. Prison and Chocolate Cake (1954)
  2. From Fear Set Free (1963)
  3. A Time to Be Happy (1963)
  4. This Time of Morning (1965)
  5. Storm in Chandigarh (1969)
  6. The Day in Shadow (novel; 1971)
  7. A Voice for Freedom (1977)
  8. Plans for Departure (1985)
  9. Rich Like Us (1985)
  10. Mistaken Identity (1988)
  11. A Situation in New Delhi (1989)
  12. The Fate of Butterflies (2019)
और भी बहुत से नाम Indian English Writing से जुड़े हुए है जैसे Arundhati Roy, Vikram Seth, Salman Rushdie, Khushwant Singh, Amitav Ghosh, Anita Desai, Aravind Adiga Ruskin Bond, Chetan Bhagat Jhumpa Lahiri Nissim Ezekiel, Kamala Suraiyya और Keki N. Daruwalla.

Note: यहाँ पर कुछ ही मुख्य लेखको के बारे मैं Exam Point of view से इस Article को सिर्फ और सिर्फ अच्छे से समझने के लिए लिखा गया है. इसमें कोई गलती ना हो इसका पूरा पूरा ध्यान रखा गया है फिर भी अगर कुछ रह जाये या कुछ गलत तथ्य पाए जाये तो लेखक या Website owner इसका कतई जुम्मेदार नहीं है|

Patriotism Beyond Politics and Religion by Dr. APJ Kalam Explain in Hindi

Introduction

Dr. Abdul Kalam की विरासत सिर्फ और सिर्फ विज्ञान के छेत्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि वह एक अच्छे लेखक भी थे. उनकी एक किताब “ignited Minds” में एक पाठ है जिसका नाम है ‘Patriotism Beyond Politics and Religion’ इसमें उन्होंने अपने विचार किस तरह दिए है उसी की आज हम बात करने वाले है

Patriotism Beyond Politics and Religion by Dr. APJ Kalam


इसमें वह कहते है के मैं सभी भर्तियो को उनके सफलता के लिए बुलाता हूँ, वह क्या शक्ति है जो किसी भी देश की सफलता और विनाश की वजह होती है? और वो क्या तरीके हैं जिससे कोई भी देश शक्तिशाली बनता है? तो जवाब मिलेगा के किसी भी देश की सफलता के लिए तीन चीज़े सबसे अहम् होती है, पहली ये के देश के नागरिको को अपने ऊपर गर्व होना चाहिए, दूसरा ये के सभी के अन्दर एकजुट होने की भावना होनी चाहिए और तीसरा ये के सभी मिलकर देश की तरक्की के लिए काम करें.

देश के सभी नागरिको और देश के उत्थान के लिए जरुरी है के सभी अपने देश के महान  इतिहास को जाने और अपने देश के महान लोगो पर विश्वास और गर्व करे. जो महान युद्ध हमारे पूर्वजो ने हमारे देश के लिए लड़ा है उनसे हम सबको प्रेरणा लेने की जरुरत है, British लोग इतने सफल क्यों हो गये? क्योंकि उन सबके पास Lord Nelson जिसे महान नायक थे, इतिहास मैं जिन नायको ने उनको प्रेरित किया अपने देश के लिए अच्छा करने के लिए, एक छोटा सा देश जापान एक अच्छा उदाहर्ण है जिसके लोग अपने राष्ट्र पर गर्व करते है, वो जापानी होने पर अपने आपको सम्मानित समझते है, उनकी  एक जैसी सभ्यता है, जापान ने इतिहास मैं बहुत से उतार चड़ाव देखें है इसके बाद भी वह एक विकसित देश की श्रेणी मैं आता है|

जिस किसी भी देश ने तरक्की की है उन सबकी एक बड़ी वजह ये यही है के उन सबने तरक्की और देशभक्ति को अपना mission समझा है. जापान और जर्मनी दो इसे ही देश है, जर्मनी अब तक दो बार तबाह हो चुका है लेकिन जर्मन लोगो ने कभी हार नहीं मानी और फिर से अपने देश को खड़ा किया और सबसे ऊपर लेके आये, अगर जर्मनी और जापान जेसे छोटे देश तरक्की कर सकते है तो भारत क्यों नहीं कर सकता है

इसके लिए बस यही कहा जा सकता है के, हमारे देश की इतिहासिक शक्ति हमारे देश के लोगो को उस तरह प्रेरणा दे नहीं पाई, जिससे वह सब अपने देश की सच्ची मिटटी से जुड़ सकें. ऐसा नहीं है के लोगो को जागरूक करने मैं पिछले 50 सालो मैं कोई कमी रह गयी हो,

आगे लेखक कहते है के उनको बचपन से ही इस देश में कई अलग अलग धर्मो को जानने का सोभाग्य प्राप्त हुआ है, लेकिन सभी के बारे मैं उन्होंने एक चीज़ सामान्य पाई के सभी धर्मो की मुख्य शिक्षा एक ही है. और भारत की धर्म निरपेक्षता की भावना यहाँ के धर्मो से ही ली गयी है ये हमें जानना होगा|

अगर हमारा देश कमजोर है तो बस इसीलिए है क्यों की हमारे अन्दर Sense of mission कमजोर पड़ गया है मतलब हम सभी देश वासियों के लक्ष अलग-अलग हो गये है. अगर हम अपने आपको बटे हुए देखेंगे जिनके पास कोई इतिहासिक गर्व की भावना नहीं है और कोई भविष्य मैं उम्मीद नहीं है तो हमें दुःख, निराशा के सिवा और क्या ही मिल सकता है

भारत मैं हमारा जो मूल culture है वो समय से भी परे है मतलब वो भारत में इस्लाम से आने से भी पहले का है, और भारत में Christianity के आने से भी पहले का है, सुरुआती दौर के जो इसाई भारत में थे, जैसे के सीरियन इसाई जो केरला के थे उन्होंने अपनी सभ्यता को वैसे ही बनाए रखा जैसे वो पहले से रहते आये थे, इसाई धर्म परिवर्तन के बाद भी| क्या वे लोग कुछ कम इसाई थे? क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि उनकी ओरतें मंगल सूत्र पहनती थी और उनके परुष धोती पहनते थे जिस तरह केरला मैं पहनी जाती थी, इसाई होना उन्हें अलग नहीं बनाता है| A. R. Rahman मुस्लिम हो सकते है लेकिन उनकी आवाज सभी भारतियों के दिलो मैं बस्ती है|

सबसे बड़ा खतरा हमारी एकता और लक्ष को उन लोगो या ऐसे विचारों से है जो लोगो को बांटने का काम करते है| भारतीय संविधान सभी भारतियों को पूरी तरह से समानता का अधिकार देता है| हमें धार्मिक भावनाओ को त्याग कर एक ऐसी सभ्यता का विकास करना चाहिए जो हमें अपने देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करे. अब समय आ गया है के हम सभी एकजुट होकर एक राष्ट्र का निर्माण करें. ये तब होगा जब हम भारत के महान इतिहास को स्वीकार करेंगे, तभी हम भविष्य से शांति और सफलता की उम्मीद कर सकते है,

विकाश और तरक्की का मतलब ये नहीं है के हमारे शहर विकशित हो जाएँ या वहां पर सभी सुख सुविधाएँ हो जाये. इसका मतलब है के दूर-दूर तक गाँव-गाँव मैं स्वस्थ सेवाए पहुंचे, सिक्षा पहुंचे, और सब सुविधाए उन सबको बराबर मिले जो इस देश के वासी है, ऐसे नये भारत मैं सब चीज़े एक साथ विकाश करें जैसे, biotechnology, biosciences और agriculture sciences और industrial development. राजनेता शिक्षित हों और देश के हित के लिए काम करें. इस तरह शेहरो के साथ गाँव का भी विकाश होगा और लोग शेहरो से गाँव की तरफ लोटेंगे.

सबसे ज्यादा जरुरी काम हमारे राजनेताओ के लिए यह है के वे देश को बनाने के लिए अपनी शक्ति लगायें न की राजनीतक पार्टियों को बढ़ाना ही उनका एकमात्र लक्ष हो और विकाश को एक मात्र अपना मिशन मसझ कर पूरा करें. भारत मैं एक अरब से ज्यादा लोग रहते है जिनके अनगिनत धर्म हैं, यह हमारी शक्ति है, लोगो को एक साथ आना होगा देश की समृद्धि के लिए. इस तरह हमारा देश विकाश कर सकता है | 

Note: यहाँ पर Exam Point of view से इस Article को सिर्फ और सिर्फ अच्छे से समझने के लिए लिखा गया है. इसमें कोई गलती ना हो इसका पूरा पूरा ध्यान रखा गया है फिर भी अगर कुछ रह जाये या कुछ गलत तथ्य पाए जाये तो लेखक या Website owner इसका कतई जुम्मेदार नहीं है|

Profession for woman by Virginia Woolf Summary in Hindi and English

Profession for women

Virginia Adeline Woolf 20th Century की एक English Novelist और Essayist थी. कहा जाता है के Modernism की सुरुआत Woolf ने ही की थी| Woolf ने 1931 में woman’s Service League मैं अपनी एक Speech दी थी| उस समय जिस परेशानी की woolf ने बात की थी वह परेशानी लगभग आज भी वैसी की वैसी ही बनी हुई है अपनी इस Speech मैं. समाज मैं इस परेशानी को Gender Inequality के नाम से जाना जाता है इसका मतलब है समाज मैं ओरत और मर्द के बीच समानता का न हो पाना. Woolf इस Essay मैं mainly यही कहना चाहती है के बहुत सारी एसी चीज़े होती है जो ओरतो की सफलता के आगे आती हैं, और उनको आगे बड़ने से रोक देती है, हालाँकि ये रूकावटे दिखाई नहीं देती बलके ये खुद ओरतो के व्यवहार मैं होती है जिसे दूर किये बिना women सफल नहीं हो सकती है|

इस Essay मैं Woolf ने अपने खुद के experience को share किया है. वो कहती है woman को हर पेशे मैं परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन जो ओरत लिखना चाहती है उसको बाकी से ज्यदा परेशानी उठानी पडती है, वह कहती है ओरत के लिए यह आसान नहीं है के वो सदियों से चली आ रही समाज की सोच से जल्दी बाहर निकल जाये.

Profession for woman

वह कहती है के यदि उसको एक किताब का review लिखना हो तो उसको कई एसी चीजों से लड़ना होगा जो आँखों से तो दिखाई नहीं देती बलके समाजिक रूप से होती है इन्ही रूकावटो को Woman की सफलता के रस्ते से हटाने की जरुरत है और ये न दिखाई देनी वाली परेशानी को उसने “Angel In the House” कहा है, इसका मतलब है woman को हमारे समाज मैं घर का सबसे अच्छा सदस्य बनने की जरुरत होती है, समाज उससे चाहता है के वो दुसरे सभी सदस्यों का ख्याल रखे, खास कर के घर के मर्द लोगो का, उसका व्यवहार विनम्र होना चाहिए, उसकी आवाज धीमी होनी चाहिए, उसके अन्दर दया और त्याग की भावना होनी चाहिए, उसको सुन्दर दिखना चाहिए और उसको हर वो काम करना चाहिए जो उसका पति उससे करने के लिए कहे, ये सब समाज चाहता है एक ओरत से के वह ऐसी बने अगर वो एसी बन जाती है तो वो एक अच्छी ओरत कहलाई जाती है वर्ना उसको बहुत से अलग-अलग नामो से पुकारा जाने लगता है| और अगर कोई ओरत लिखना चाहती है तो सबसे पहले उसके रास्ते मैं Angel in the house की परेशानी आती है, मतलब अगर वो लिखेगी तो वह वैसी अच्छी नहीं बनी रहेगी जैसा समाज उसे बनाना चाहता है और बुरा बनने के डर से woman कभी लिखना ही सुरु नहीं करती| और लिखने के लिए उसको ‘The Angel in the House को मरना होता है और ये काम बहुत ज्यादा मुस्किल होता है एक ओरत के लिए. एक सफल पेशेवर लेखक होने के नाते Woolf कहती है वह और ज्यादा अच्छी और विनम्र नहीं बनी रह सकती है उसको निडर बनना होगा उसको अपने आपको खुल के समाज के सामने रखना होगा अपने ऊपर विश्वास करना होगा,

Woolf अपना एक experience share करती है, वो कहती है एक लेखक चाहता है के जब वो लिखने का काम कर रहा हो तो उसको कोई disturb न करे, वह अपने बारे मैं कल्पना करती है जैसे के वह एक लड़की है और अपने हाथ मैं एक पेन और सियाही लिए, लिखने के लिए बैठी है वो एक मिनट से कई घंटे तक बिना कुछ लिखे वैसे ही बैठी रहती है क्योंकि किसी सही विचार के आये बिना लिखने का काम आगे नहीं बढ़ता. लेकिन तभी वह अपनी कल्पना से बाहर आती है और उसको याद आता है अपने शरीर के बारे मैं जिसकी वजह से वह समाज मैं बराबर का हक नहीं रखती, उसकी बात को reject कर दिया जायेगा उसके व्यक्तिगत विचारो की समाज मैं कोई कीमत नही है क्योंकि वह एक ओरत है

वह अब और नहीं लिख सकती है ये विचार उसके दिल मैं घर कर जाता है. Woolf को एहसास होता है के Woman की सफलता रूडिवादी विचारधारा की वजह से मर्दों के द्वारा रोक दि जाती है| एसा हो सकता है के कोई Woman आर्थिक रूप से सफल हो लेकिन ये पूरी सफलता नहीं है, ओरत को हर एक छेत्र मैं पूरी सफतला और आजादी की जरुरत है
For Example, Woman को अपने विचारो को समाज में रखने के लिए सभी कलाओ और पेशो मैं हिस्सा लेने की वैसी ही आजादी होनी चाहिए जैसे के समाज के मर्दों को होती है यदि एसा होता है तभी ये भेदभाव कम हो सकता है|

अतः यह essay, woman को आर्थिक गुलामी से आजाद कराने के बारे मैं जोर देता है, Victorian age के आखिर मैं या 20th century के सुरुआत मैं Woman को आर्थिक आजादी नहीं थी, वे इसके साथ-साथ अपने हक के लिए बोल भी नहीं सकती थी, और उनको ना ही लिखने की आजदी थी न ही उनको वो सोचने दिया जाता था जो वो चाहती थी उनपर पूरी तरह परुष समाज का राज था, इसीलिए Woolf एक साहसी और निडर बात कहती है ओरतों की आजदी के बारे मैं के उनको रूडिवादी विचारधारा से निकलना होगा अगर नहीं निकलपाई तो एस स्तिथि मैं कोई भी काम नहीं किया जा सकता है जिसकी वजह से वो कभी भी अपने पैरो पर नहीं खड़ी हो पाएंगी|

इसलिए Woolf, ओरतों से आग्रह करती है के वो अपनी घर मैं बनी हुई अच्छी image को तोड़ दें जिसको वो Angel in the house कहती है, समाजिक आजादी के साथ साथ Woolf मानसिक आजादी की भी बात करती है जोकि सबसे ज्यादा जरुरी है, इसके लिए वह अपना खुद का Example देती है के जबतक woman अपने खुदके पैसे नहीं कमाती है तब तक वह अपने लिए खुद फैसले नहीं ले सकती है और ना ही अपनी मर्जी से जिंदगी जी सकती है|

Note: यहाँ पर Exam Point of view से इस Article को सिर्फ और सिर्फ अच्छे से समझने के लिए लिखा गया है. इसमें कोई गलती ना हो इसका पूरा पूरा ध्यान रखा गया है फिर भी अगर कुछ रह जाये या कुछ गलत तथ्य पाए जाये तो लेखक या Website owner इसका कतई जुम्मेदार नहीं है|

The Conquest of the world by Indian Thought by Swami Vivekananda Summary In Hindi


The Conquest of the World by Indian Thought by Swami Vivekananda.


The conquest of the world by Indian thoughts एक Essay है Swami Vivekananda जी का. ये उनके एक भाषण का हिस्सा है जो उन्होंने मद्रास में दिया था, इसका टॉपिक था 'The Work Before us.'

Vivekananda जी कहते है के हमें बहुत सी चीज़े सीखने की जरुरत है इस संसार से, अपने इस भाषण मैं वो आचार्य मनु जी की कही हुई बात को दोहराते है के अच्छा ज्ञान कहीं से भी सीख लेना चाहिए चाहे सिखाने वाला नीचे कुल मैं जन्मा कोई शुद्र ही क्यों न हो, और ये सीखना चाहिए के हम सेवा करते हुए स्वर्ग को किस तरह पा सकते हैं| आगे वह कहते है के  आचार्य मनु की संतान हमेशा उनकी बातो को मानती है और हमेशा सीखने के लिए तय्यार रहती है जो उन्हें उनकी जिंदगी सिखाती है| न सीखने की बहुत बड़ी कीमत हम एक हजार साल की गुलामी के रूप मैं चुका चूके है (मतलब पहले भारत पर मुस्लिम हुकूमत फिर अंग्रेजी हुकूमत का राज) अगर कोई ये सोचता है के हम भारतीय कभी भारत के बहार समुन्द्र को पार कर के नहीं जा सकते तो ये उनकी  एक बेवकूफी भरी सोच होगी.

Swami Vivekananda जी हम सब भारतियों से चाहते है के हम सब Proactive बने मतलब ऐसे बने जो लोग कार्य को अपने आप सुरु करते है न के किसी भी घटना या काम का खुद से होने की प्रतीक्षा करते है. खास कर के आध्यात्मिकता को संसार में फ़ैलाने के काम के लिए हम सबको सक्रिय रहने की जरुरत है| जीत का मतलब दूसरों को बर्बाद या हराना नहीं होता बलके सबकी मदद करना होता है, उनको बर्बादी से बचाना होता है|

Swamiji ये बताते है के, हम भारतीयों संसार को अपनी अध्यात्मिकता से जीत सकते है, नफरत को प्रेम से जीतना है. नफरत स्वम जीतनी नहीं चहिये. भोतिकवाद और इसके सरे दुःख स्वम भोतिकवाद से कभी नहीं जीते जा सकती है, किसी भी देश की सेना जब दुसरे देश की सेना को हराने की कोसिस करती है तब सिर्फ मानवता का विनास होता है|

आगे वह बताते है के जीवन का मुख्य लक्षण ही अपने आपमें विस्तार करना होता है| भारतियों को जरुरी रूप से जीने के लिए विस्तार करना होगा, Vivekananda जी कहते है, की वह विदेश अपने देश के विस्तार के लिए गये थे, कुछ लोग ये सोचते है के हिन्दू (भारतीय) देश की चार दीवारियों में ही रहे है हमेशा तो वे बिलकुल गलत है|

The Conquest of the world by Indian Thought

ऐसे लोगो ने शायद भारत का इतिहास नहीं पढ़ा है, अगर वो इतिहास पढ़े तो उनको आर्य जाती के बारे मैं पता चलेगा| Vivekananda जी चाहते थे के भारत पूरे संसार पर विजय हो. जैसे महान सम्राट अशोक ने अपने विचारो से सारे संसार को जीत लिया था, मतलब सम्राट अशोक ने बोध धर्म, सच्चाई, अध्यात्मिकता को समस्त संसार में फैलाया था. हम भारतीय बहुत अच्छा काम करते है जब हम किसी दूसरे के लिए काम करते है. हमारे लोगो को जरुरत है के वो दूसरे देशो को भी अपने ज्ञान से और अपने विचारों से प्रकाशित कर दें, विदेशी लोग अपनी सेना लेकर यहाँ आ सकते है तो वो आ जायं. हम अपनी आध्यात्मिकता और ज्ञान से इस संसार को जीत लेंगे. हमारी आध्यात्मिकता पश्चिम को जीत लेगी, शानदार भारतीय जीवन की एक ही शर्त है के हम संसार को भारतीय विचारो से जीत लें.

यदि हमारे पास हमारे सिधांत है, तब बहुत से ज्ञानी हमारे यहाँ पर जन्म लेंगे, हमारा धर्म किसी एक इंसान या बहुत से इंसानों पर टिका हुआ नहीं है बलके उसकी नीवं हमारे यहाँ के सिद्धांत है. यह हमारी निष्ठा सिद्धांत के लिए है किसी व्यक्ति के लिए नहीं है

Note: यहाँ पर Exam Point of view से इस Article को सिर्फ और सिर्फ अच्छे से समझने के लिए लिखा गया है. इसमें कोई गलती ना हो इसका पूरा पूरा ध्यान रखा गया है फिर भी अगर कुछ रह जाये या कुछ गलत तथ्य पाए जाये तो लेखक या Website owner इसका कतई जुम्मेदार नहीं है|

November 04, 2022

Dream Children By Charles Lamb Explain In Hindi

Dream Children


Dream children एक Essay है जो Charles Lamb ने लिखा था. यह एक सपनो के संसार के बारे मैं लिखा गया है| ये Essay उनके Essay of Elia मैं (1823) मैं London Magazines मैं Publish हुआ था. ये essay उनके व्यक्तिगत जीवन से सम्बंधित है जिसमे Humour और Pathos है| इसमें उनकी पिछली जिंदगी के लिए पछतावा है|


Summary

Essay मैं वो अपने काल्पनिक छोटे बच्चो की बात करता है जिनका नाम Alice और John है| ये कहानीया उसके बचपन की है तब Lamb अपनी पर-दादी के साथ रहा करता था, जिनका नाम Mrs. Field था| अपने बचपन को याद करते हुए lamb उन बच्चो को अपनी दादी की कहानिया सुनाता है| ये कहानिया उसके और उसके भाई के बीच की है जब वे दोनों अपनी दादी के घर रहा करते थे: ये दोनों Charles और John आपस मै बहुत प्रेम किया करते थे, शैतानिय करते थे और उन्हें याद है उनके घर मैं एक orchid का पेड़ था और एक मछली पालने का तालाब

पहले तो Essay मैं खुशहाली होती है बाद मैं ये खुशहाली दुःख मैं बदल जाती है| जब Charles Lamb अपने भाई और अपनी दादी की मौत के बारे मैं बताता है, इन दोनों को उसने अपनी छोटी उम्र में ही खो दिया, लेखक की अपनी खुद की ऐसी इच्छाए है जो पूरी न हो सकी और दुःख इस Essay में साफ़ देखा जा सकता है, जब वह अपनी बीती जिंदगी के बारे मैं अपने बच्चो को बताता है|

इस Essay की मुख्य Theme जीवन में पछतावा और नुक्सान है, लेखक अपनी जिंदगी के बचपन के दिन याद करता है और उन चीजों पर पछतावा करता है जिन अपनों को उसने खो दिया|

वह अपना दुःख अपने अधूरे प्रेम Alice के लिए भी दर्शाता है, और इसलिए पछताता है क्योंकि वह उससे शादी न कर सका, उसे इस बात का भी एहसास है के ख़ुशी के पल उसकी जिंदगी से एक पल में ही निकल गये

अपने जवानी के समय, जब वह अपने आपको अकेला महसूस करता था तो वह अपने पचपन के अच्छे दिनों जो बीत गये है उनमे दोबारा से लौटना चाहता था | Essay का अंत इस बात पर होता है जब पाठकों को पता चलता है के जिन बच्चो को लेखक कहानिया सुना रहा है वह असली नहीं है बल्कि उसकी खुद की कल्पना है, एक सपना है जो वह सोते हुए देखता है|

यहाँ पर एक अच्छा खुशहाल बचपना दिखाया गया है और एक अकेली, दुखभरी जवानी को दर्शाया गया है, जो जीवन के बारे मैं एक बात बताती है के हमारे जीवन मैं सदा के लिए कुछ भी नहीं रहने वाला है|

Dream Children दिखाता है के किस तरह अपनों को खोने का दर्द हमारी जिंदगी मैं हमेशा बना रहता है, इन दर्द और इच्छाए को सही और पूरी करने के सपने हम हमेशा देखते रहते है

अपनों के साथ का क्या महत्व है, उनके बिना हमारा जीवन क्या हो सकता है और बचपन कितना सुन्दर होता है येही सब इस Essay मैं बड़ी ही खूबसूरती से लिखा गया है

November 02, 2022

Sir Roger at Church explain essay in Hindi

Sir Roger at Church


लेखक हमेशा Sunday के दिन बहुत ही खुश रहता था और उसका ये मानना था के पवित्र Sunday ही एक एसा दिन है जो इंसानों को सभ्य बनाने का काम करता है

वह सोचता है के अगर हमारी जिंदगी मैं Sunday न होता तो गाँव वाले असभ्य बन जाते. बार-बार Sunday का आना हम सबको इससे बचाता है| इस दिन सभी गाँव वाले अच्छे-अच्छे कपडे पहनकर चर्च में इकठ्ठा होते है| और एक दूसरे से अपने जीवन के सुख दुःख बाटते है. और चर्च उनको एक अच्छा इंसान बनाने के लिए धर्म और इंसानियत की बाते बताता है| और बाद मैं सब इश्वर की पूजा करते है इस तरह ये बातें उनको सभ्य बनाए रखती है|

आगे लेखक कहता है के Sunday पुरे हफ्ते की थकान मिटा देता है| इस परित्र दिन के बाद सभी लोग एक नया जीवन जीते है आगे आने वाले हफ्ते तक इस तरह ये बार-बार आकर सबकी मदद करता है इसके लिए सभी लोग इश्वर को धन्यवाद देते है. Sunday के दिन और भी बहुत सी बाते होती है जैसे जवान लड़के लड़कियों को आपस मैं मिलने का मोका मिलता है और वह एक दुसरे को Impress करने की पूरी कोशिश करते है| सभी गाँव वाले अपना सबसे अच्छा व्यवहार एक दुसरे को दिखाते है ताकि उन सब को अच्छा कहा जाये| जैसे शहर मैं लोगों की भीड़ बाजारों मैं दिखाई देती है उसी तरह गाँव मैं यह भीड़ Sunday के दिन दिखाई देती है| इस भीड़ का कुछ लोग फायदा उठाते है जब वे चर्च मैं पूजा से पहले या बाद मैं राजनीति की बाते करते है और लोगो के मत (Vote) अपनी तरफ करने की कोशिश करते है| और शाम के समय सब अपने अपने घरो को लौट जाते है एक नयी सुरुआत के साथ|

एक अच्छा church man होने के नाते sir Roger ने चर्च की अच्छे से देखभाल की है उन्होंने चर्च को बाहर से सजाया है और अन्दर चर्च की दीवारों पर अपने पसंद की Bible से ली गयी कुछ Quotation को वहां पर लिखवाया है| वह लोगो को अपने खर्चे पर अपनी पसंद के कपडे देता है, उसने चर्च में बात करने की टेबल के सामने रेलिंग लगवाई है और लेखक से वह कहता है के जब वह गाँव मैं आया था तो सभी लोग चर्च मैं नहीं आया करते थे, उसने ही उनको चर्च में आना सिखाया है | और इश्वर के सामने झुकना सिखाया|

वह सबको एक कपडे का Hassock देता है जिससे लोग उसको अपने घुटनों के नीचे रख कर इश्वर के सामने झुक सकें, इसके साथ-साथ एक प्रार्थना की किताब; और उसने एक गाना गाने वाले मास्टर को पैसे देकर लोगो को सही धुन और आवाज में प्रार्थना सिखाने के लिए रखा हुआ है| अपने इस काम पर वह गर्व करता है के अब लोग पहले से अच्छी तरह प्रार्थना को गा सकते है और सच में लेखक ने जितने भी चर्च देखें है अब तक यह चर्च उन सबमें सबसे अच्छा है|

Sir Roger पूरी सभा के landlord है मतलब मालिक है और जमींदार भी है, इसलिए उन्ही पर चर्च और प्रार्थना की सारी जुम्मेदारी है. इसलिए वह चर्च में नियम बनाये रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करते है और तो और Sir roger ने कभी किसी को चर्च मैं प्रार्थना के समय सोने नहीं दिया, ये बात अलग है के वो खुद थोड़े देर के लिए सो जाए, अगर कभी वह थोड़ी देर के लिए सो जाते है तो बाद मैं जल्दी से उठकर चारो तरफ देखते है के कहीं कोई सो तो नहीं रहा है अगर वह किसी को सोता हुआ देख लेते है तो या तो वह खुद उसको उठाने के लिए जाते है या अपने किसी नोकर को उसको उठाने के लिए भेजते है| वह एक बूढ़े योद्धा की तरह है जो थोडा सनकी होता है लेकिन ये बात कभी कभार देखने को मिलती है| कभी-कभी एसा होता है के जब सब लोग अपनी प्रार्थना पढ़ चुके होते है तो वह बाद तक एक या दो मिनट तक पढता रहता है और कभी कभी तो एसा होता है के जब वो अपनी खुदकी प्रार्थना से संतुष्ट और खुश हो जाता है तो प्रार्थना खत्म होने पर कई बार “आमीन” कहता है. और कभी-कभी जब जब लोग इश्वर के सामने झुक जाते है तो वह खड़ा रहता है ये देखने के लिए के कोई एसा तो नहीं जो चर्च में ना आया हो या न झुका हो|

पिछले Sunday लेखक बड़ा ही Surprise था अपने मित्र Sir roger को प्रार्थना के बीच बोलते हुए देखकर| ये इसलिए हुआ क्योंकि एक Johan Mathews नाम का व्यक्ति था जो चर्च मैं सबको distrub कर रहा था| इस इनसान को सब लोग जानते थे उसके आलसी होनी की वजह से, इस समय वह फर्श पर अपने जूतों को मार रहा था जिसकी आवाज से प्रार्थना मैं परेशानी हो रही थी इसलिए Sir roger ने उसको बीच प्रार्थना मैं ही टोक दिया|

Sir roger का व्यवहार कुछ अजीब लगता है वह चर्च मैं अपना रौब एक योद्धा की तरह दिखता है लेकिन वह अपनी व्यक्तिगत जीवन मैं ऐसे व्यवहार का व्यक्ति नहीं है वह लोगो को अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करता है| उसके चरित्र मैं कुछ ज्यादा बुराई नहीं है और सभी ये बात जानते है के वह सभी गाँव वालो का भला चाहता है हालाँकि कुछ बाते चर्च मैं अजीब हैं लेकिन फिर भी लोगो पर उसका गहरा परभाव पड़ता है|

और जैसे ही प्रार्थना समाप्त होती है कोई एक दम से बहार जाने की हिम्मत नहीं कर सकता है जब तक के Sir roger खुद चर्च से बहार न निकल जाए. चर्च मैं जब लोग बैठे होते है तो Sir roger उनके पास आते है उन लोगो से उनकी माँ की तबियत पूछते है उनके परिवार के बारे मैं पूछते है और अगर कोई चर्च नहीं आता है तो इसको Sir roger अपना अपमान समझते है|

एक बार Priest (पुजारी) ने लेखक को बताया के प्रार्थना के दौरान Sir roger एक लड़के से बहुत खुश हो गये जिसने Sir roger के सवालों के जवाब अच्छे से दिए, और Sir roger ने उसको एक Bible दी और कभी-कभी वह उस लड़के को मीट भी देते थे उसकी माँ के लिए| हर साल Sir roger clerk की नोकरी के लिए पांच पोंड बढ़ा देते थे जिससे के जवान लोगो मैं भी इश्वर और चर्च की सेवा करने की इच्छा बनी रहे, इसके साथ-साथ वह यह भी वादा करता है के जो भी चर्च मैं काम करेगा वह उसको अच्छे से अच्छी सुविधा देने की कोशिश करेगा उनके काम के अनुसार जब वर्तमान का Clerk अपनी नोकरी से रिटायर हो जायेगा

और Sir roger और उस गाँव के व्यापरी (Chapman) के बीच बहुत अच्छे सम्बन्ध है| इस रिश्ते का महत्व जब पता चलता है जब जमींदार और व्यापारी के बीच के रिश्ते की तुलना पास के गाँव से की जाती है, पास के गाँव मैं जमींदार और व्यापारिओं के बीच आय दिन झगडे होते रहते है और इसका नतीजा ये होता है के गाँव के लोगो की रुचि (Interest) चर्च से खतम होती जाती है| हर कोई अपने को दुसरे से अच्छा साबित करने की कोशिश में लगा रहता है, जमींदार कभी भी चर्च नहीं जाता है और व्यापारी उसकी चारो तरफ बुराई करता है| यह बहुत ही खतरनाक है और जो पुजारी होता है वह लोगो को जमींदार के खिलाफ भड़काता है फिर जमींदार उनसे बदला लेता है, वह लोगो को नास्तिक बनाने की कोशिश करता है और लोगो को चर्च में दान न देने की सलाह देता है और हर Sunday पुजारी लोगो से  प्रार्थना के बाद ये बताता है के वह इस गाँव के जमींदार से अच्छा है और यही सब चलता रहता है

और कभी कभी जमींदार चर्च में प्रार्थना करने ही नहीं आता और न ही अपने घर प्रार्थना करता है इसके लिए पुजारी उसको चेतावनी देता है के अगर उसने अपना व्यवहार न सुधारा तो पुरे चर्च के सामने वह उसका अपनाम करेगा|

और ये झगडे जमींदार और पुजारी के बीच के ऐसे गांवों मैं सामन्य सी बात है और बड़ी ही खतरनाक है आम लोगो के लिए. यह एक सच्ची बात है के सामान्य लोग अमीर लोगो से परभावित होते है, कभी-कभी पुजारी को उन लोगो को समझाना बड़ा ही मुश्किल हो जाता है जो लोग साल के पांच सौ पोंड कमाते है और ऐसे लोग चर्च में विश्वास ही नहीं करते| इन बातो का सबपर प्रभाव पड़ता है, इसलिए यह जरुरी है के अमीर और ज्ञानी लोग आपस में प्रेम से रहें तभी जाकर पुजारी की शिक्षा सफल हो सकती है और लोग अच्छे बन सकते है

Note: यहाँ पर Exam Point of view से इस Article को सिर्फ और सिर्फ अच्छे से समझने के लिए लिखा गया है. इसमें कोई गलती ना हो इसका पूरा पूरा ध्यान रखा गया है फिर भी अगर कुछ रह जाये या कुछ गलत तथ्य पाए जाये तो लेखक या Website owner इसका कतई जुम्मेदार नहीं है|

November 01, 2022

The Tunnel By Ruskin Bond Summary In Hindi

The Tunnel Summary

The Tunnel, Ruskin Bond द्वारा लिखी गई एक छोटी सी कहानी है जो The Road to the Bazaar’ नाम के एक उपन्यास में प्रकाशित हुई थी, प्रकृति में शांति और कर्तव्य इस कहानी की दो प्रमुख विषय हैं जिन्हें इस कहानी में अच्छी तरह से दिखाया गया है। 

सूरज ट्रेन को सुरंग से गुजरते हुए देखना चाहता है, इसलिए वह देहरादून से एक छोटे से गाँव में साइकिल से आता है और वहाँ से वह एक पहाड़ी टीले तक चलता है। वह सुरंग के बाहर खड़ा होता है और जब ट्रेन वहां से गुजरती है और दूर चली जाती है, तो उसे जंगल की सच्ची शांति का एहसास होता है। ट्रेन जब जंगल से गुजरती है, तो उससे जो भाप निकलती है उसमें पेड़ ऐसे लगते है जैसे कांप रहे हों, और रेल की पटरियां कुछ देर तक हिलती रहती है।

वह सुरंग के अन्दर चलता है। सुरंग की सुरुआत मैं ही एक झोपड़ी होती है जिसमें सुरंग के चौकीदार सुंदर सिंह रहते हैं, उनका कर्तव्य है कि ट्रेन के गुजरने से पहले सुरंग की जाँच करें। वह इस काम को दिन में दो बार करता है, एक बार दिन की ट्रेन के लिए और दूसरी बार रात की ट्रेन के लिए जो नौ बजे सुरंग को पार करती है। सुंदर बताता है कि जंगल शहरों की तुलना में अधिक शांतिपूर्ण और सुरक्षित हैं। पिछली बार जब वह शहर गया था तो उसे लगभग एक मोटर ने कुचल ही दिया था। सूरज देखता है कि उसकी झोंपड़ी के आसपास कोई लोग नहीं है और कोई घर नहीं हैं। सूरज उससे पूछता है कि क्या उसे अंधेरे और जंगली जानवरों से डर नहीं लगता। चौकीदार उसे बताता है कि झोपड़ी के आस पास एक तेंदुआ रहता है जो बकरियों और कुत्तों का शिकार करना पसंद करता है, लेकिन इंसानों पर कभी उसने हमला नहीं किया।

अगली शाम सूरज चौकीदार के पास आता है। रात की ट्रेन से ठीक पहले, वे दोनों तेंदुए की कुछ आवाजे सुनते हैं। उन्हें उसकी जान बचाने के लिए तेंदुए को भगाना पड़ता है क्यों की अगर उन्होंने ऐसा न किया तो हो सकता है के वह ट्रेन से टकरा जाए और मर जाए। दोनों लालटेन और कुल्हाड़ी लेकर अंदर चले जाते हैं, क्यों की कभी ऐसा न हो के तेंदुआ उनपर हमला करदे। वहां पर वे तेंदुए की आवाज सुनते है और उसे भगाने के लिए सुरंग के अंदर चिल्लाते हैं, तो सुरंग में आवाजें गूँजती हैं जिससे ऐसा लगता है जैसे कि सैकड़ों मनुष्य एक साथ चिल्ला रहे हों। नतीजा यह हुआ कि तेंदुआ वहां से डर कर भाग जाता है।

एक हफ्ते बाद जब सूरज रात की ट्रेन में अपने पिता के साथ दिल्ली की यात्रा ट्रेन से कर रहा होता है, तो वह बूढ़े आदमी और उसकी झोपड़ी और उसकी लालटेन को बाहर लटका हुआ देखता है, जिसका अर्थ है कि उसने अपना आज का काम पूरा कर लिया है। सुरंग की जाँच की और रात के लिए वह अब सो चूका है। सूरज उस चौकीदार को धन्यवाद देता है जो दूसरों की खातिर अपने कर्तव्य का सख्ती से पालन करता है उनलोगों के लिए जो लोग ट्रेनों में हजारों की संख्या मैं मौजूद हैं।

Note: यहाँ पर Exam Point of view से इस Article को सिर्फ और सिर्फ अच्छे से समझने के लिए लिखा गया है. इसमें कोई गलती ना हो इसका पूरा पूरा ध्यान रखा गया है फिर भी अगर कुछ रह जाये या कुछ गलत तथ्य पाए जाये तो लेखक या Website owner इसका कतई जुम्मेदार नहीं है|  

An Introduction to Indian writing in English For Class BA English, CCS University 1st Year syllabus.

Introduction Indian English Literature का इतिहास वैसे तो इतना पुराना नहीं है लेकिन अंग्रेजी साहित्य मैं ये अपनी अलग पहचान रखता है| सबसे पह...