October 08, 2022

My Mother at Sixty-Six by Kamala Das Explain In Hindi

Introduction


My Mother at Sixty-Six by Kamala Das
ये कविता कमला दास ने लिखी थी. इस Poem मैं कमला दास अपनी बूड़ी माँ के साथ Cochin Airport जा रही हैं. रास्ते मैं लेखिका की माँ सो जाती है और जब वह अपनी माँ का चेहरा देखती है तो उसको डर लगता है क्योंकि उसकी माँ की उम्र बहुत ज्यादा हो गयी है. और उसे अपने माँ की बढती हुई उम्र की फिक्र है.

लेकिन अंत मैं कमला दास को ये एहसास होता है की मरने का डर तो हमारे साथ सदा रहता है ये जरूरी नहीं के यह डर बुढ़ापे के साथ आये. जब ये विचार उसके मन मैं आते है तो वो दुखी हो जाती है क्योंकि मौत तो एक न एक दिन सभी को आ ही जानी है, इसलिए वह भी अपनी माँ के लिए दुखी है और इस दुःख बारे विचारो से बचने के लिए वो अपने आस पास की नई और जवान चीजों को देखती है. जिससे उसके चेहरे पर कुछ देर के लिए एक मुस्कान आ जाती है.

Note: इस Poem को free verse मैं लिखा गया है, इसका मतलब है के इसमें कोई Rhyme Scheme नहीं है.

Note: इस कविता की पूरी Explanation की Vedio हिंदी में देखने के लिए यहाँ पर Click करें. 

Driving from my parent’s
home to Cochin last Friday
morning, I saw my mother,
beside me,
doze, open mouthed, her face
ashen like that
of a corpse and realised with pain
that she was as old as she
looked but soon
put that thought away, and
looked out at Young
Trees sprinting, the merry children spilling
out of their homes, but after the airport’s
security check, standing a few yards
away, I looked again at her, wan,
Pale as a late winter’s moon and felt that old
familiar ache, my childhood’s fear,
but all I said was, see you soon,
Amma,
all I did was smile and smile and
Smile......

अपने माता पिता के घर से कार से
पिछले शुक्रवार की सुबह कोचीन को
जाते हुए जब मेने अपनी माँ को
अपने बराबर मैं देखा.
कमजोर, मुह खुला हुआ, चेहरा
राख जैसे कोई लाश दुःख के साथ मुझे इसका एहसास हुआ
के वह वेसी ही बूड़ी हो चुकी है
लेकिन जल्दी ही मैंने ये विचार दूर किये और
बहार जवान छोटे पेड़ो को दोड़ते हुए देखा, खुशहाल बच्चे खेल रहे है
अपने घर से बहार, लेकिन एअरपोर्ट की
चेकिंग से पहले, मुझसे कुछ
दूरी पर खड़ी, मैंने उसकी तरफ फिर से देखा
मुरझाई हुई, पीली जैसे आखिर सर्दियों का निकला हुआ चाँद वेसी वह बूड़ी लग रही थी
ये जाना पहचाना दुःख था, जो मेरे बचपन मैं भी मेरे साथ था
लेकिन जो कुछ मैं कह सकी, दोबारा मिलेंगे
अम्मा
और जो कुछ मैंने किया, मुस्कुराई, मैं मुस्कुराई, और
मैं मुस्कुराती रही...


Stanza 1


Driving from my parent’s
home to Cochin last Friday
morning, I saw my mother,
beside me,

Explanation:


Poet अपनी पिछले शुक्रवार की बात बता रही है, तब वह Cochin Airport जा रही थी, साथ में उसकी माँ भी उसके साथ थी जब वह अपनी माँ की और देखती है तो उस समय वह सो रही होती है, सोते समय उसका मुह खुला हुआ होता और वो लेखिका को बहुत ज्यादा कमजोर और बूड़ी लगती है. वह कहती है के सभी चीज़े पीछे समय मैं जा रही है जैसे शुक्रवार की सुबह जा चुकी है जो उस समय अच्छी थी लेकिन अब वो समय गुजर चुका है जैसे कभी उसकी माँ भी जवान हुआ करती थी.



Stanza 2


doze, open mouthed, her face
ashen like that
of a corpse and realized with pain
that she was as old as she
looked but soon
put that thought away,

Explanation:


यहाँ पर लेखिका अपनी माँ की Condition को बताती है, उसकी माँ सो रही है और सोते समय उनका मुंह खुला हुआ था जैसे किसी लाश का मुंह खुला हुआ होता है, लेखिका को लगता है उसकी माँ का साथ उसके साथ अब और ज्यादा दिन तक नहीं रहने वाला है.

उसकी माँ अधिक कमजोर और बूड़ी हो चुकी है, ये देख कर लेखिका दुखी है, ये बात एक बेटी का प्यार अपनी माँ के लिए दिखाता है.

Stanza 3


and
looked out at Young
Trees sprinting, the merry children spilling
out of their homes,

Explanation:

 
Poetess को अपने माँ के लिए दुःख है और वह इस दुःख से बाहर आना चाहती है इसलिए वह अपनी कार से बाहर छोटे-छोटे पोधों को देखती है, अपने घर से बाहर खेलते हुए बच्चों को देखती है. ये दोनों चीज़ें अपनी जवानी की शक्ति को दिखाते है जो सच मैं एक खुशहाल समय है उनके लिए, इस तरह के विचार से वह अपने माँ की चिंता से बाहर आने की कोशिश करती है. इस Stanza मैं जवानी को बुढ़ापे से तुलना की गयी है, बुढ़ापा पूरी तरह से बरबादी को दर्शाता है यह मौत का प्रतीक है लेकिन जवानी ख़ुशी का प्रतीक है जो जिंदगी मैं थोड़े ही समय के लिए आता है.

Stanza 4


and
looked out at Young
Trees sprinting, the merry children spilling
out of their homes,
I looked again at her, wan,
Pale as a late winter’s moon
that old
familiar ache, my childhood’s fear,
 

Explanation:


यहाँ पर लेखिका हवाई अड्डे पर पहुँच चुकी है, उसकी माँ उससे कुछ दूरी पर खड़ी हुई है, वहाँ से जब वह दुबारा अपनी माँ को देखती है तो उसकी माँ उसे और ज्यादा कमजोर दिखाई देती है, यहाँ पर वह अपनी माँ की सर्दियों के बाद निकले हुए चाँद से तुलना करती है, जिसकी चमक कम पद जाती है क्योंकि कोहरा छाया हुआ होता है जिससे वह पीला और मरा हुआ लगता है,

इसके बाद कमला दास अपने बचपन के डर को याद करती है. जो डर उसकी माँ से उसके अलग होना का था, वाही दर्द और डर वह अभी भी महसूस कर रही है, जैसे वह अपने बचपन मैं किया करती थी, इस तरह कमला दास ये कहती है के अपनों को खोने का डर हमेशा होता है.

Stanza 5


but all I said was, see you soon,
Amma,
all I did was smile and smile and
Smile......

Explanation:


अंत मैं लेखिका अपनी माँ से हवाई अड्डे पर विदा लेती है वह दुखी है, लेकिन वह कुछ कर नहीं सकती. इसलिए वह अपनी माँ को अलविदा कहती है और कहती है के माँ हम फिर मिलेंगे और अपने चेहरे पर एक झूठी मुस्कराहट लिए वहां से चली जाती है.

इस Stanza मैं irony को देखा जा सकता है, जैसे कमला दास को पता है के अब उसका उसकी माँ को दुबारा देख पाना मुश्किल है फिर भी वह कहती है हम दोबारा मिलेंगे. यहाँ पर ये दिखने की कोशिश की गयी है के जीवन दुःख, झूठ, और डर से भरा हुआ है.
और इस तरह ये कविता खतम हो जाती है.

Note: यहाँ पर Exam Point of view से इस Article को सिर्फ और सिर्फ अच्छे से समझने के लिए लिखा गया है. इसमें कोई गलती ना हो इसका पूरा पूरा ध्यान रखा गया है फिर भी अगर कुछ रह जाये या कुछ गलत तथ्य पाए जाये तो लेखक या Website owner इसका कतई जुम्मेदार नहीं है|

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