October 30, 2022

The Lost Child Summary by Mulk Raj Anand

The Lost Child Summary

The Lost Child एक छोटी कहानी है जो Mulk Raj Anand ने लिखी थी, ये कहानी एक छोटे बच्चे के बारे मैं है, जो एक बार मेले मैं खो जाता है| कहानी दिखाती है के वह किस तरह अपने परिवार से छूट जाता जाता है.

यह एक वसंत ऋतु का मेला था जो एक गाँव में लगा हुआ था एक बहुत बड़ी भीड़ इकठ्ठा होकर इस त्यौहार पर मेले मैं जा रही थी, हर तरह के लोग यहाँ थे सब के सब ने अपने अलग अलग रंग और style के कपडे पहने हुए थे, कुछ गरीब थे कुछ अमीर थे, ये भीड़ कसबे से गाँव की तरह को बढ़ रही थी,

इस कहानी का मुख्य पात्र एक छोटा बच्चा है, वह भी अपने परिवार के साथ मेला देखने के लिए जा रहा था लेकिन रास्ते में खिलोनो की दूकाने उसको अपनी और आकर्षित कर रही थी, उसके दिल की इच्छा थी के वह उन सब खिलोनो से खेल सके लेकिन उसके पिता उसे सख्ती से मना कर देते है, लेकिन उसकी माँ उसे प्यार से समझती है और उसका ध्यान कहीं और लगाने की कोशिश करती है


The Lost child

जब उसे खेलने के लिए खिलौना नहीं दिलाया गया तो वह अपने सामने सरसों के खेतों को देखता है  जिनमे फूल खिले हुए है और जमीन पीले रंग से रंगी हुई सी लग रही है, ये नजारा देख कर वह बच्चा बहुत ही खुश होता है, चारो तरफ प्राक्रतिक सुन्दरता फैली हुई थी, बच्चा ये सब देख कर बहुत ही खुश था अब वह खिलोनो से खेलने की अपनी इच्छाओ को भूल गया था, वह वहां पर खेलने लगता है शेतानिया करता है, खेतों मैं घुस जाता है वहां पर छोटे-छोटे कीड़ो से खेलता है. तितलियों के पीछे भागता है, ये सब उसके लिए किसी खिलोने से ज्यादा अच्छी थीं, लेकिन माँ उसका लगातार ध्यान रख रही थी, और उसको बार-बार अपने पास बुलाने और दूर न जाने के लिए कह रही थी, बच्चा भी कुछ दूर जाता और फिर दोबारा से भाग कर अपने माँ बाप के पास आ जाता था, लेकिन फिर वहां पर उसको कुछ मिल जाता फिर से वह उसमे लग जाता, माँ फिर से उसे आवाज देकर बुलाती के तुम्हे ज्यादा दूर नहीं जाना चाहिए, बच्चे के माँ बाप एक पानी के कुंवे के किनारे पर बैठ जाते है कुछ देर के लिए | वहां एक बड़ा सा बरगद का पेड़ था,

आगे रास्ते में उनको मिठाई की दुकान मिलती है जिसे देखकर बच्चे के मुह मैं पानी आ जाता है लेकिन उसको पता है के अगर वह मिठाई खाने की इच्छा को ज़ाहिर करेगा तो उसको डाट पड़ेगी इसलिए वह सिर्फ धीरे-धीरे कहता है के मुझे मिठाई चाहिए और आगे के तरफ चलने लगता है, इसके बाद वहां पर एक फूलो की माला बेचने वाला होता है बच्चा उसको भी लेना चाहता है लेकिन उसके पिता की गुस्से भरी आँखों को देखकर वह चुप हो जाता है, बाद मैं उसको एक गुब्बारे वाला दिखाई पढता है, और वह एक रंगीन गुब्बारा खरीदना चाहता है लेकिन उसको पता है के अगर वह इसके लिए कहेगा तो उससे कहा जाएगा के वह अब इतना छोटा नहीं जो गुब्बारे से खेले इसलिए वह चुप होकर आगे बढ़ जाता है

आगे रास्ते मैं उसको एक सपेरा मिलता है जो बीन बजा रहा होता है वह बच्चा नाग का खेल देखना चाहता है लेकिन वह अपनी सीमाए जानता है और आगे बढ़ जाता है, आगे वह एक बड़े से झूले के पास आ जाता है और उसको तेज़ी से घूमता हुआ देखता है, वहां पर बहुत से लोग होते है, ओरतें होती है बच्चे होते है जो उस झूले मैं झूल रहे होते है

इस बार उसकी समाए जवाब दे देती है और वह और नहीं रुक सकता उसको झूले मैं झूलना है इसके लिए वह अपने पिता से आग्रह करना चाहता है के वह एक बार उसे झूले मैं झूलने दें लेकिन जैसे ही वह पीछे मुड़ता है उसको उसके माँ बाप नहीं मिलते अब वह पूरे मेले की भीड़ मैं अकेला हो जाता है|

बच्चा बहुत डर जाता है उसको नहीं पता उसे अब क्या करना है सिवाए जोर जोर से रोने के और इधर-उधर भागने के, वो अपने माँ बाप को इधर-उधर तलाश करने की कोशिश करता है, उसकी आँखों से आंसू निकलने लगते है, उसकी सर पे बंधी हुई पगड़ी खुल जाती है और उसके सारे कपडे मिटटी मैं हो जाते है, वह जोर-जोर से चिल्लाता रहता है लेकिन कोई उसकी मदद नहीं करता, सारी भीड़ अपने-अपने कामो मैं लगी हुई होती है.

वह बहुत थक जाता है, थोड़ी देर रोना बंद करता है आंसू पोछता है सिर्फ दोबारा रोने के लिए, वह अपनी माँ के और पिता के लिए लगातार रोता रहता है इस उम्मीद मैं के वह उसकी आवाज सुनलें और उसे लेने के लिए आ जाए, वह एक मंदिर तक पहुंचता है लेकिन वहां पर बहुत भीड़ होती है वह भीड़ से होता हुआ आगे बढ़ने की कोशिश करता है और अपना रास्ता लोगो की टांगो के बीच से बनाने की कोशिश करता है लेकिन भीड़ इतनी है के लोग उसे आगे बढ़ने नहीं दे रहे है , बच्चा गिर जाता है, लेकिन तभी एक अच्छा इंसान उस बच्चे की मदद करता है और उसे गोद मैं उठाकर उसको चुप करने की कोशिश करता है

वह व्यक्ति उसकी मदद करना चाहता है वह उससे पूछता है के तुम्हारे माँ बाप कहाँ है लेकिन बच्चा केवल और जोर से चिल्लाता है वह सिर्फ इतना कहता है के मुझे मेरी माँ चाहिए मुझे मरे पिता चाहिए| वह व्यक्ति उसको चुप करने के लिए मेले में अन्दर ले आता है और उसको झूला झूलने के लिए कहता है लेकिन बच्चा मना कर देता है,

वह व्यक्ति उसका ध्यान कहीं और लगाना चाहता है इसलिए वह उसे सपेरे के पास ले जाता है जहाँ पर वह सांपो का खेल दिखा रहा होता है लेकिन वह बच्चा अपना मुह मोड़ लेता है और जोर जोर से रोता है फिर वह व्यक्ति उसको गुब्बारा देने की कोशिश करता है लेकिन वह भी उस बच्चे को अब और नहीं चाहिए, उसे अपने माँ और पिता चाहिए.

आखिर मैं वह व्यक्ति उसको मिठाई वाले की दूकान पर ले जाता है और उसको मिठाई देने की कोशिश करता है लेकिन बच्चा उनसे भी मुह मोड़ लेता है और, रोते हुए कहता है मुझे मरी माँ चाहिए मुझे मरे पिता चाहिए| और कहानी का अंत यहीं पर हो जाता है 

Note: यहाँ पर Exam Point of view से इस Article को सिर्फ और सिर्फ अच्छे से समझने के लिए लिखा गया है. इसमें कोई गलती ना हो इसका पूरा पूरा ध्यान रखा गया है फिर भी अगर कुछ रह जाये या कुछ गलत तथ्य पाए जाये तो लेखक या Website owner इसका कतई जुम्मेदार नहीं है|

No comments:

Post a Comment

An Introduction to Indian writing in English For Class BA English, CCS University 1st Year syllabus.

Introduction Indian English Literature का इतिहास वैसे तो इतना पुराना नहीं है लेकिन अंग्रेजी साहित्य मैं ये अपनी अलग पहचान रखता है| सबसे पह...