November 11, 2022

Profession for woman by Virginia Woolf Summary in Hindi and English

Profession for women

Virginia Adeline Woolf 20th Century की एक English Novelist और Essayist थी. कहा जाता है के Modernism की सुरुआत Woolf ने ही की थी| Woolf ने 1931 में woman’s Service League मैं अपनी एक Speech दी थी| उस समय जिस परेशानी की woolf ने बात की थी वह परेशानी लगभग आज भी वैसी की वैसी ही बनी हुई है अपनी इस Speech मैं. समाज मैं इस परेशानी को Gender Inequality के नाम से जाना जाता है इसका मतलब है समाज मैं ओरत और मर्द के बीच समानता का न हो पाना. Woolf इस Essay मैं mainly यही कहना चाहती है के बहुत सारी एसी चीज़े होती है जो ओरतो की सफलता के आगे आती हैं, और उनको आगे बड़ने से रोक देती है, हालाँकि ये रूकावटे दिखाई नहीं देती बलके ये खुद ओरतो के व्यवहार मैं होती है जिसे दूर किये बिना women सफल नहीं हो सकती है|

इस Essay मैं Woolf ने अपने खुद के experience को share किया है. वो कहती है woman को हर पेशे मैं परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन जो ओरत लिखना चाहती है उसको बाकी से ज्यदा परेशानी उठानी पडती है, वह कहती है ओरत के लिए यह आसान नहीं है के वो सदियों से चली आ रही समाज की सोच से जल्दी बाहर निकल जाये.

Profession for woman

वह कहती है के यदि उसको एक किताब का review लिखना हो तो उसको कई एसी चीजों से लड़ना होगा जो आँखों से तो दिखाई नहीं देती बलके समाजिक रूप से होती है इन्ही रूकावटो को Woman की सफलता के रस्ते से हटाने की जरुरत है और ये न दिखाई देनी वाली परेशानी को उसने “Angel In the House” कहा है, इसका मतलब है woman को हमारे समाज मैं घर का सबसे अच्छा सदस्य बनने की जरुरत होती है, समाज उससे चाहता है के वो दुसरे सभी सदस्यों का ख्याल रखे, खास कर के घर के मर्द लोगो का, उसका व्यवहार विनम्र होना चाहिए, उसकी आवाज धीमी होनी चाहिए, उसके अन्दर दया और त्याग की भावना होनी चाहिए, उसको सुन्दर दिखना चाहिए और उसको हर वो काम करना चाहिए जो उसका पति उससे करने के लिए कहे, ये सब समाज चाहता है एक ओरत से के वह ऐसी बने अगर वो एसी बन जाती है तो वो एक अच्छी ओरत कहलाई जाती है वर्ना उसको बहुत से अलग-अलग नामो से पुकारा जाने लगता है| और अगर कोई ओरत लिखना चाहती है तो सबसे पहले उसके रास्ते मैं Angel in the house की परेशानी आती है, मतलब अगर वो लिखेगी तो वह वैसी अच्छी नहीं बनी रहेगी जैसा समाज उसे बनाना चाहता है और बुरा बनने के डर से woman कभी लिखना ही सुरु नहीं करती| और लिखने के लिए उसको ‘The Angel in the House को मरना होता है और ये काम बहुत ज्यादा मुस्किल होता है एक ओरत के लिए. एक सफल पेशेवर लेखक होने के नाते Woolf कहती है वह और ज्यादा अच्छी और विनम्र नहीं बनी रह सकती है उसको निडर बनना होगा उसको अपने आपको खुल के समाज के सामने रखना होगा अपने ऊपर विश्वास करना होगा,

Woolf अपना एक experience share करती है, वो कहती है एक लेखक चाहता है के जब वो लिखने का काम कर रहा हो तो उसको कोई disturb न करे, वह अपने बारे मैं कल्पना करती है जैसे के वह एक लड़की है और अपने हाथ मैं एक पेन और सियाही लिए, लिखने के लिए बैठी है वो एक मिनट से कई घंटे तक बिना कुछ लिखे वैसे ही बैठी रहती है क्योंकि किसी सही विचार के आये बिना लिखने का काम आगे नहीं बढ़ता. लेकिन तभी वह अपनी कल्पना से बाहर आती है और उसको याद आता है अपने शरीर के बारे मैं जिसकी वजह से वह समाज मैं बराबर का हक नहीं रखती, उसकी बात को reject कर दिया जायेगा उसके व्यक्तिगत विचारो की समाज मैं कोई कीमत नही है क्योंकि वह एक ओरत है

वह अब और नहीं लिख सकती है ये विचार उसके दिल मैं घर कर जाता है. Woolf को एहसास होता है के Woman की सफलता रूडिवादी विचारधारा की वजह से मर्दों के द्वारा रोक दि जाती है| एसा हो सकता है के कोई Woman आर्थिक रूप से सफल हो लेकिन ये पूरी सफलता नहीं है, ओरत को हर एक छेत्र मैं पूरी सफतला और आजादी की जरुरत है
For Example, Woman को अपने विचारो को समाज में रखने के लिए सभी कलाओ और पेशो मैं हिस्सा लेने की वैसी ही आजादी होनी चाहिए जैसे के समाज के मर्दों को होती है यदि एसा होता है तभी ये भेदभाव कम हो सकता है|

अतः यह essay, woman को आर्थिक गुलामी से आजाद कराने के बारे मैं जोर देता है, Victorian age के आखिर मैं या 20th century के सुरुआत मैं Woman को आर्थिक आजादी नहीं थी, वे इसके साथ-साथ अपने हक के लिए बोल भी नहीं सकती थी, और उनको ना ही लिखने की आजदी थी न ही उनको वो सोचने दिया जाता था जो वो चाहती थी उनपर पूरी तरह परुष समाज का राज था, इसीलिए Woolf एक साहसी और निडर बात कहती है ओरतों की आजदी के बारे मैं के उनको रूडिवादी विचारधारा से निकलना होगा अगर नहीं निकलपाई तो एस स्तिथि मैं कोई भी काम नहीं किया जा सकता है जिसकी वजह से वो कभी भी अपने पैरो पर नहीं खड़ी हो पाएंगी|

इसलिए Woolf, ओरतों से आग्रह करती है के वो अपनी घर मैं बनी हुई अच्छी image को तोड़ दें जिसको वो Angel in the house कहती है, समाजिक आजादी के साथ साथ Woolf मानसिक आजादी की भी बात करती है जोकि सबसे ज्यादा जरुरी है, इसके लिए वह अपना खुद का Example देती है के जबतक woman अपने खुदके पैसे नहीं कमाती है तब तक वह अपने लिए खुद फैसले नहीं ले सकती है और ना ही अपनी मर्जी से जिंदगी जी सकती है|

Note: यहाँ पर Exam Point of view से इस Article को सिर्फ और सिर्फ अच्छे से समझने के लिए लिखा गया है. इसमें कोई गलती ना हो इसका पूरा पूरा ध्यान रखा गया है फिर भी अगर कुछ रह जाये या कुछ गलत तथ्य पाए जाये तो लेखक या Website owner इसका कतई जुम्मेदार नहीं है|

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